STORYMIRROR
होम
श्रृंखला
कहानी
कविता
कोट
ऑडियो
खरीदें
प्रतियोगिताएं
पुरस्कार
अकादमी
हमारे बारे में
हमारे साथ जुडे
संपर्क करें
लॉग इन करें
Sign Up
Terms & Condition
गोपनीयता नीति"
श्रृंखला
कहानी
कविता
कोट
ऑडियो
प्रतियोगिताएं
पुरस्कार
खरीदें
अकादमी
गिवअवे
हमारे बारे में
संपर्क करें
कोट
कोट
किताब प्रकाशित करें
En
English
Hi
हिन्दी
Gu
ગુજરાતી
Ma
मराठी
Or
ଓଡ଼ିଆ
Bn
বাংলা
Te
తెలుగు
Ta
தமிழ்
Ka
ಕನ್ನಡ
Ml
മലയാളം
लाइब्रेरी
नियम और शर्ते
गोपनीयता नीति"
साइनअप
लॉग इन
En
English
Hi
हिन्दी
Gu
ગુજરાતી
Ma
मराठी
Or
ଓଡ଼ିଆ
Bn
বাংলা
Te
తెలుగు
Ta
தமிழ்
Ka
ಕನ್ನಡ
Ml
മലയാളം
फीड
लाइब्रेरी
लिखें
सूचना
प्रोफाइल
क्या आप पुस्तक प्रकाशित करना चाहते है ?
यहाँ क्लिक करें
हीरा-मोती
हुई थी
वादा
जीवलगा
मोहब्बत
आँखो की गहराई
गद्यलिखनेकीप्रेरणामिलीहै।सिनेमाकेसंसारमेंहमबिनागीतकीकल्पनानहींकरसकतेहैं।डॉमंजुगुप्तावाशी
जैसे ही
टीमवर्ककेसाथकोईभीकार्यमेंजीतहासिल
सिर-माथे
इंसानियत
क्यू लगा
नया साल
अपनाtimeआएगादिनसबकाआताहैदर्द
भी खाने
करनापड़ताहैसबकोहीश्रम।देताहैपरमात्मासिर्फलकीरे
खाने
प्रेमहिईश्वरहै
पशुपक्षी
लगा है
Hindi
डुबने लगा
Quotes
मेरी शायरी.. आँखों की गहराई देखकर सागर भी सोचने लगा, ए बंदे ...
बुधवार: सोना-चांदी या हीरा-मोती, इन सबका ऐसा हुआ नशा। चढ़ कर ...
शनिवार: ना जाने क्यू लगा भूले वादा, सुनो नया साल आ चुका तो। ...
शनिवार : इंसान मास भी खाने लगा है, निर्दोष पशु भी खाने लगा ...
शनिवार: जैसे ही मेरी प्रेम-कहानी शुरू हुई थी, मोहब्बत पर कि ...
00:00
00:00
Download StoryMirror App